"डर स्कूल से या बेटियों की आज़ादी से"

डरते है लोग भेजने को स्कूल बेटियों को,
  डरते है लोग के बेङिया खुल जाएंगी,
डरते है लोग के बेटियों की सोच बड़ी हो जाएगी,
  डरते है लोग के संस्कारो का हवाला किसे देंगे,
डरते है लोग के बेटिया समझदार हो जाएंगी,
  डरते है लोग के बेटिया भेड़चाल से बाहर आ जांएगी,
डरते है लोग के बेटिया कही फ़ैसले खुद से न लेने लगेंगी,
  डरते है लोग के बेटियाँ बेडिंया खौल देंगी,
डरते है लोग के वो अब न सहेंगी,
  डरते है लोग के वो अब जवाब भी देने लगेंगी,
डरते है लोग के वो अब सवाल भी करने लगेंगी,
  डरते है लोग के वो काबिल बन जाएंगी,
डरते है लोग के वो किसी का सहरा न लेंगी,
  डरते है लोग के वो दुनिया का सामना भी डटकर खुद से
                  न करने लगेंगी,
इसलिए डरते है लोग भेजने को स्कूल बेटियों को।

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